कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने 25 से ज्यादा दवाइयों और फॉर्मूलेशंस के निर्यात पर तत्काल पाबंदी लगा दी है। चीन से दवाइयों के रॉ मेटेरियल के आयात में दिक्कत पैदा होने से प्रोडक्शन में कमी आने की आशंका है। सरकार ने जिन दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगया है उनमें पैरासिटामॉल, टिनिडाजोल, मेट्रोनिडाजोल, विटामिन बी1, बी6, बी12, प्रोजेस्टेरोन प्रमुख है। इसको लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय ने मौजूदा एक्सपोर्ट पालिसी में बदलाव के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
सरकार ने पैरासिटामॉल समेत दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाले 26 फॉर्मूलेशन और एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। चीन समेत अन्य देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया गया।
फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018-19 में भारत से दवाओं का कुल एक्सपोर्ट 1900 करोड़ डॉलर (करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये) था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मांग के आधार पर डीपीटी और बीसीजी के लिए करीब 65 फीसदी दवाएं भारत में बनती हैं और खसरा के 90 फीसदी टीके भारत बनाता है। जेनेरिक दवाएं बनाने वाली दुनिया की शीर्ष 20 कंपनियों में आठ कंपनियां भारत की हैं।
भारत से निर्यात होने वाली दवाओं में से 55 फ़ीसदी उत्तरी अमेरिका और यूरोप आयात करते हैं। भारत से दवाएं लेने वाले देशों में अमेरिका सबसे बड़ा आयातक है। अफ्रीका के जेनरिक दवाओं के बाज़ार में भारत की साझेदारी 50 फ़ीसदी की है।